सत्यम् लाइव, 3 अप्रैल 2020 दिल्ली। एक तरफ कोरोना का लॉकडाउन चल रहा है तो दूसरी ओर धरती माता भी बार बार परीक्षा ले रही है ये दूसरी बार है जब उत्तराखण्ड में भूूूूूकम्प के झटके बुधवार को रात्रि 10 बजकर 20 मिनट पर महसूश किये गये यह नैनीताल जिले में हुआ। वैसे तीव्रता मात्र 3.2 मग्निट्यूट मापी गयी है अत: भूकम्प का अहसास भी न केे बराबर ही था। 8 फरवरी को आये भूकम्प ४.७ तीव्रता का था जो अल्मोडा, पिथौरागढ और बागेश्वर समेत कई हिस्सों मेें महशूस किये गये थे। इस वर्ष का यह तीसरा झटका था।
हम सब ये महशूस कर रहे हैं कि चलो नुकसान तो नहीं हुआ तो आपको बता दे कि पिछले 4 सालों में 77 बार भूकम्प केे झटके महसूस किये गयेे हैं। 95 प्रतिशत भूकम्प के झटको ने उत्तराखण्ड को ही केन्द्र बनाया है और उसमें सेे अधिकतर उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ। भूकम्पन पर बात करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालयी क्षेत्र के भूगर्भ में बडी भूकम्पीय ऊर्जा जमा हो रही है और यह ऊर्जा सिर्फ इन्हीं चार जगहों से बाहर आ रही है। उत्तरकाशी में कोटला गॉव को ही केन्द्र बनाकर भूकम्प आ रहा है इसी तरह सेे अन्य जगह पर एक ही स्थल से ये ऊष्मा बाहर आ रही है।
अब ये संदेह नहीं कि सौर मण्डल कुछ तो नया करने जा रहा है विकास की ओर से मानव अपना मुख मोडने को तैयार नहीं है और विकास को ही अपना जीवन मान बैठा है वो भारत का मानव जिसके सारे शास्त्र के प्रमाण कहते हैं कि अपिरग्रह का जीवन सर्वश्रेष्ठ है।
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