हिन्‍दी वचाव के लिये होगा, आयोजन

सम्‍पादन सुनील शुक्‍ल

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सत्‍यम् लाइव, 4 जुलाई 2020, दिल्‍ली।। खुलते हुए अंग्रेजी माध्‍यम के स्‍कूलों और बन्‍द होते हुए हिन्‍दी माध्‍यम के स्‍कूलों, के साथ अब कुछ लोग जाग्रत हो रहे हैं परन्‍तु अभी कैमरे केे आगे कहने में उन्‍हें डर लगता है परन्‍तु ये बात तो सत्‍य है कि इस बढते हुए ऑनलाइन शिक्षा व्‍यवस्‍था में हिन्‍दी दिवस वाले दिन भी हिन्‍दी को याद नहीं किया जायेगा। पहले से ही संस्‍कृति का पतन हो चुका है आज पूरेे भारत में हिन्‍दी की जगह अंग्रेजी का महत्‍व विशेष बताया जा रहा है। मैकाले का विरोध करके स्‍वामी दयानन्‍द सरस्‍वती जी ने जो कोर्स बच्‍चों को पढाने को कहा था वो कहीं पर नहीं पढाया जाता है बल्कि जब पूछो तो कहते हैं कि संस्‍कृत पढा रहे हैं। संस्‍कृत पढाने से लेकर उसका उपयोग को तो सबने मिलकर अन्‍धविश्‍वास बना रखा है तो संस्‍कृत पढाने से काम चल जायेगा क्‍या ? इस प्रश्‍न के उत्‍तर पर सब शान्‍त हो जाते हैं। हिन्‍दी को बचाये रखने के लिये भारतीय किसान गौरक्षा दल ने हिन्‍दी के उन कोर्स को अपने निजी खर्चे पर चालू कराया है जिस पर स्‍वामी दयानन्‍द सरस्‍वती जी ने मैकाले केे सामने रखा था और यह शिक्षा व्‍यवस्‍था किसी की जाति वर्ग को दी जाने के लिये स्‍वामी दयानन्‍द सरस्‍वती जी ने स्‍वयं कहा है क्‍योंकि ये जीवन के साथ, भारत की भूमि पर निरोगी बनाने सहित गणित और अर्थव्‍यवस्‍था का पूरा ज्ञान देती है। इस सभा मेंं उपस्थित सभी गणमान्‍य से इस बात पर भी निर्णय लिया गया इस कार्यक्रम को जन कल्‍याण तक पहुॅचाने के लिये, भारतीय परिवेश के जानकार शिक्षक तैयार किये जायेगें। जिसमें सभी समुदाय के लोग कक्षा ले सकेगें। साथ ही कुछ ऐसी व्‍यवस्‍था भी की जायेगी जिससे निर्धन भी इस कक्षा मेंं पढ सके।

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