सत्यम् लाइव, 23 जुलाई 2021, दिल्ली।। दैनिक भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में लिखा ‘‘सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार, गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़ें देश के सामने रखने वाले भास्कर समूह पर सरकार की दबिश।’’ साथ ही पंत जी ने कहा कि दैनिक भास्कर जो काम कर रहा है, करता रहेगा। हमने हर राज्य में सच को प्रकाशित किया है, चाहें वो राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात हो या बिहार। हमने ये नहीं देखा कि सत्ता में सरकार किसकी है।
साथ ही कुछ लेख के शीषक आपको दैनिक भास्कर के सर्च करने पर मिल भी जायेगें। जैसे ‘‘शर्मसार हुई गंगा’’, ‘‘वैक्सीन नहीं, ये व्यवस्था की बर्बादी है’’, मौत का डेटा छुपाया, वैक्सीन का बढ़ाया, ‘‘तेलों की कीमतों ने, तोड़ी आम आदमी की कमर’’।
दैनिक भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में जो कहा है वो सत्य है उसके पक्षधर के तौर पर यदि जॉचा जाये तो सत्य की कलम युगों-युगों से भारतीय जनमानस के पास रही है। साथ ही इस बात में दम है कि सच्चाई को जितना दबाया जायेगा वो उतना ही उभरेगा। स्वर्ग की सीमाऐं बढ़ाने का काम जो अंग्रेजों ने प्रारम्भ किया था वो आज भी चल रहा है ये लेख 1904 में गुलामी के दौरान श्री गुप्ता जी की कलम से मिलता है और दिनकर जी के बारे में कुछ कहना तो सूर्य देव को दीपक दिखाना है।
मैण्टल मैथ नहीं बल्कि वैदिक गणित की तरफ पुनः कदम बढ़ाने को सफलता ही कहा जायेगा और एक दो नहीं बल्कि स्वदेशी प्रवक्ता राजीव दीक्षित जी के स्वर्गवासी होने के पश्चात् तमाम निष्क्रिय ज्ञानी, सक्रिय हो चुके हैं। ठीक है कि कलयुग में सतयुग की स्थापना नहीं करा पायेगें ये सब मिलकर परन्तु वैदिकता को भूले न पाये आने वाली पीढ़ी उसकी वैज्ञानिकता को सिद्ध कर रहे हैं, बहुत सारे ज्ञानी मानव जो हारकर किनारे बैठ गये थे। सत्य, अहिन्सा, तप को पराजित नहीं किया जा सकता है आज नहीं तो कल आपको मानना ही पड़ेगा।
सुनील शुक्ल
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