सत्यम् लाइव, 31 अगस्त 2020, दिल्ली।। देश की वर्तमान वित्तमंत्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते गुरुवार को कहा था कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है, जो कि एक दैवीय घटना है और इससे चालू वित्त वर्ष में इसमें संकुचन आएगा। चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व प्राप्ति में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान लगाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि स्पष्ट रूप से जीएसटी क्रियान्वयन के कारण जो क्षतिपूर्ति बनती है, केंद्र उसका भुगतान करेगा। इसके जबाव में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ‘दैवीय घटना’ के बयान पर प्रहार करते हुए कई ट्वीट किए और सरकार से सवाल पूछे। चिदंबरम ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ”अगर ये महामारी दैवीय घटना है तो हम 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन का वर्णन कैसे करेंगे? क्या वित मंत्री मैसेंजर ऑफ गॉड के तौर पर जवाब देंगी।” आगे लिखा कि, ”मोदी सरकार द्वारा जीएसटी मुआवजा अंतर को कम करने के लिए राज्यों को दिए गए दो विकल्प अस्वीकार्य हैं। पहले विकल्प में राज्यों को मुआवजा उपकर के तहत अपने भविष्य की प्राप्तियों को गिरवी रखकर उधार लेने के लिए कहा जाता है। वित्तीय बोझ पूरी तरह से राज्यों पर पड़ता है। चिदंबरम ने लिखा, ‘दूसरे विकल्प के तहत, राज्यों को RBI विंडो से उधार लेने के लिए कहा जाता है। यह अधिक बाजार उधार है, केवल एक अलग नाम से फिर से सारा वित्तीय बोझ राज्यों पर पड़ता है। केंद्र सरकार किसी भी वित्तीय जिम्मेदारी से खुद को दूर कर रही है ये घोर विश्वासघात है और साथ ही कानून का सीधा उल्लंघन भी। परन्तु यदि सही मायने में देखें तो दोनों ही वित्तमंत्री जनता अपने तरीके से बहलाने का प्रयास कर रहे हैं सच ये है कि ये मन्दी कांग्रेस काल की गलती नितियों के कारण प्रारम्भ हुई थी तो आज बीजेपी उन्हीं नीतियों को आगे बढाकर उनकी गलतियों पर भी पर्दा डाल रही है ये बात बीजेपी भी जानती हैै और कांग्रेस भी।
सुनील शुक्ल
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