कोरोना सेे ही हुई पहली मौत

सत्‍यम् लाइव, 13 मार्च 2020, नॉवल कोरोना वायरस से पहली मौत भारत के कलबुर्गी क्षेत्र में बताई जा रही है। यह आधिकारिक तौर पर कलबुरगी कहा जाता है वैसे इसका नाम गुलबर्गा है यह क्षेेेेत्र भारत के कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर के उत्‍तर में है गुलबर्गा पहले हैदराबाद राज्‍य के अन्‍तर्गत आता था परन्‍तु 1956 के राज्‍य पुनर्गठन के तहत मैसूर राज्‍य में शमिल किया गया था। ये वही क्षेत्र है जहॉ पर भारत में पहले व्‍यक्ति की मौत हुई है। इस मौत को प्रमाणित करने केे लिय मौत का कारण का प्रमाण पत्र जारी किया गया है। जिसमें ये अंकित है कि उस व्‍यक्ति को पहले से ही अस्‍थमा और हाईपरटेन्‍शन की बीमारी थी उस 76 वर्ष के व्‍यक्ति हो पुन: अस्‍थमा का दौरा 6 मार्च को पडा साथ ही बुखार के साथ कफ भी आता है। कलबुरगी के प्राइवेट डाक्‍टर उसके घर पर ईलाज के लिये जाते हैं और फिर 9 मार्च 2020 को प्राइवेट अस्‍पताल में भर्ती कराते हैं। 9 तारीख को ही वाइरल रिसर्च डाइजेन्सिटि लाइब्रोरेट्री में सैम्‍पल चेक कराया जाता है और बिना टेस्‍ट का परिणाम को देखे उस व्‍यक्ति को बिना मेडिकल सलाह के उसे वहॉ से डिस्‍चार्ज करा कर दिया जाता है। आगे आप स्‍वयं देख सकते हैं कि 10 मार्च 2020 को उनकी मृृृृृत्‍यु हो जाती है।

कर्नाटक के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बी श्रीरामुलु ने गुरूवार अर्थात् 12 मार्च 2020 को ट्वीट करते हैं कि कल जिस व्‍यक्ति की मृृृृृत्‍यु होती है वो कोविड-19 का संदिग्‍ध मरीज था।

13 मार्च 2020 प्रात: कलबुरगी कर्नाटक वर्तमान तापमान 10:04 AM 29 °C RealFeel Shade™ 28° अधिकांशत: धूप वाला है यह समय नेट से कॉपी किया गया है। क्‍या इस तापमान पर कोई वायरस जीवित रह सकता है? या फिर सच में मीडिया अपनी विश्‍वासनीयता खो रहा है।

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संक्रमण अर्थात् वायरस का इतिहास बहुत पुराना है। सुश्रुत जैसे ग्रन्‍थ मेें संक्रमण के 6 प्रकार बताये गये हैं उनमें से श्रेल्‍षमक सन्निपात नामक संक्रमण बच्‍चों में और बुजुर्गों में अधिक होता है परन्‍तु हेमन्‍त ऋतु में संचित कफ बसन्‍त ऋतु में प्रकोप दिखाता है किसी भी महामारी से हमेंं भारत के शास्‍त्रों के हिसाब से निपटना उचित होगा। वायु द्वारा संक्रमण आता है परन्‍तु सूर्य अपने ताप से किसी भी किटाणु को मार देतेे हैं इसी कारण से इन्‍हें भगवान विष्‍णु कहा गया है।

उपसम्‍पादक सुनील शुक्‍ल

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