राष्‍ट्रीय बेरोजगार दिवस पर बधाई

सत्‍यम् लाइव, 17 सितम्‍बर 2020, दिल्‍ली।। जनता का आक्रोश अब साफ दिखाई देने लगा है। 5 सितम्‍बर को सायं 5 बजे 5 मिनट तक ताली थाली पीटने के बाद, आज 17 सितम्‍बर 2020 को जब प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का जन्‍म दिवस मनाया जा रहा है तब मोदी जी केे नाम का स्‍टीकर बनाकर सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है और आज राष्‍ट्रीय बेरोजगार दिवस की घोषणा, अब स्‍वयं जनता ने कर रखी है। सोशल मीडिया में फोटो केे साथ, राष्‍ट्रीय बेरोजगार दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों को इस बेेरोजगारी के जनक मान्यवर इण्डिया के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र दामोदर दास मोदी जी के जन्मदिन की बधाइयां दी जा रही है अब इतना अवश्‍य कह सकता हूॅॅ कि इतिहास अब स्‍वयं जनता लिखने को तैयार है ऐसा लगने लगा हैै कि भारतीय राजनीति भयंकर उधल पुथल होने वाली है। क्‍या होगा ? ये नहीं कहा जा सकता है परन्‍तु एक तरफ जहॉ जनता समर्थन करने पर तुली थी वही जनता आज अपने आक्रोश को प्रदर्शन खुले आम करने में पीछे नहीं हट रही है। किसानों ने पंजाब मेें जो पुलिस की मार सहते हुए प्रदर्शन जारी रखा। उससे पूरे देश का किसान जाग उठा है। उत्‍तर प्रदेश की जनता ने बेरोजगारी को लेकर अपना असली चेहरा सरकार काेे दिखाने में पीछे नहीं हटी है। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री आदित्‍य नाथ योगी के काफिले को जनता ने ऐसे रोका कि उनकी गाडियों का निकला ही मुश्किल कर दिया। पिछले कुछ दिनों से लगातार देखा जा रहा है कि इतिहास केे पन्‍ने में अपना नाम बहुत सारे काम में लिखवाने का कार्य सरकार कर रही है ये भी इतिहास में पहली बार हुुआ है कि जनता इस तरह से सरकार केे खिलाफ उतर कर मरने को तैयार है। पूरे देश की कई खबरों को सच में टीवी मीडिया ने छूपा रखा है जैसे भयंकर बाढ से परेशान लोगों की खबरें मीडिया पर कहीं नहीं है बल्कि कभी फिल्‍मी नाचने गाने वालों की होती है तो कभी वायरस के महामारी की जबकि दूसरी तरफ जनता का आक्रोश ही इसी कारण से है कि जनता महामारी से नहीं बल्कि सरकार की योजना से मरी है। कोरोना के कारण कई बार सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें आयी है कि मेरे परिवार वाले व्‍यक्ति की शरीर सेे कीडनी गायब है। जनता इस बात से नाराज है कि महामारी के नाम पर सरकार ने विदेशी कम्‍पनी को बुलाकर सबको बेरोजगार कर रही है सरकार को भी समझ लेना चाहिए कि जनता अब इतनी भोली नहीं है कि जनसंख्‍या ज्‍यादा कहते जा रहे हो और विदेशी कम्‍पनी की मशीनें अब सब किसानों तक पहुॅचाकर बेरोजगार करते जा रहे हो और विकास बता रहे हो। ऑनलाइन से बढी बेरोजगारी को अब सब समझ रहे हैं। शिक्षा के नाम पर ऑनलाइन किया जा रहा हैै आपको ज्ञात है कि भारत ही गणित जनक है आज गणित सिर्फ भारत में रूपया गिनने के काम आती है। भारतीय गणित ज्‍योतिष से प्रारम्‍भ हुुई थी आज उसे अन्‍धविश्‍वास बताकर समाप्‍त किया जा रहा है।

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सुनील शुक्‍ल

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