मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गौ हत्या पर सजा के मसौदे को मंजूरी दे दी गई है।
सत्यम् लाइव, 10 जून 2020, दिल्ली।। पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी गौशालाओं की एक लाख गायो को एक प्रक्रिया के तहत किसानों को गौ पालन के हेतु जो उनकी देखभाल करे उसके लिये गौ पालक को प्रति गाय 30 रूपये प्रतिदिन सीधे बैंक में देने को कहे थे। जिसके हिसाब से प्रतिमाह 900 रूपये हुए। अब गौ वध निवारण हेतु अध्यादेश -2020 बिल लाएगी। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस मसौदे को मंजूरी दे दी गई है। इस मसौदे में जो कोई धारा -3, धारा-5 या धारा-5 ‘क’ के उपबन्धों का उल्लंघन करता है या उल्लंघन करने का प्रयास करता है या उल्लंघन करने के लिए दुष्प्रेरित करता है, वह तीन साल से 10 साल की सजा पाएगा। जुर्माना तीन लाख से पांच लाख तक होगा। अगर एक बार दोष सिद्ध होने के बाद पुन: अपराध करते पाया गया तो उसे दोहरे दंड से दंडित किया जाएगा। ऐसे अपराधों के अभियुक्तों का नाम, फोटोग्राफ, उसका निवास स्थल है, प्रकाशित किया जाएगा। साथ हीी यदि किसी वाहन में सक्षम प्राधिकारी या प्रधिकृत प्रयोगशाला द्वारा गौ मॉस की पुष्टि हो गयी तो उस वाहन चालक, आपरेटर और वाहन के स्वामी को इस अधिनियम के अधीन ही सजा दी जायेगी। और हत्या के लिये जीवित गाय ले जाने वाले को, भरण-पोषण का एक वर्ष का व्यय उसके स्वामी को देना होगा। भारतीय किसान गौ रक्षा दल की तरफ से प्रवक्ता राहुल बाबा का कथन है अभी तो कैबिनेट प्रस्ताव आयेगा वो इससे पहले भी कई बार आ चुका है। जब सम्पूर्ण धरा की पालनहार की रक्षा के लिये बिना प्रस्ताव एक कलम की नोक पर बिना नियम बनाये ही वध शालाायें बन्द करा दी जाये तब तो समझा जाये कि ये अहिन्सा वाला देश है।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
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