नोएडा से पकडे गए युवक मुस्लिम होते तो आतंकवादी होते’ पढ़िए ज़ियाउर्रहमान का मीडिया को आइना दिखाता यह आलेख-

नॉएडा से अगर हिन्दू की जगह मुस्लिम गिरफ्तार किये गए होते तो मीडिया उन्हें आतंकवादी घोषित कर चुका होता ! पूरे देश में तमाम एजेंसिया उनपर कई हमलों और प्लानों का ठीकरा फोड़ चुकी होती लेकिन गैर मुस्लिम होने का फायदा आतंकवादी की जगह नक्सली का तमगा दे रहा है, यही मानसिकता असलियत में देश की सबसे बड़ी दुश्मन है !
जियाउर्रहमान

देश का मीडिया लाख दावे निष्पक्ष होने के कर ले लेकिन मीडिया ही अब देश में अन्याय और ज्यादती का प्रतीक बनता जा रहा है ! औद्योगिक घरानों के हाथ की कठपुतली बन चुके अधिकांश चेनलों ने पत्रकारिता की मां मर्यादाओं को तार तार कर दिया है ! हिंदुस्तान का लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और देश के नागरिकों के लिए संविधान ही सबसे अहम ग्रन्थ है ! पिछले कुछ वर्षों से देश के लोकतंत्र को न जाने किसकी नजर लग गयी है, लोकतंत्र के चारों स्तंभो व्यवस्थापिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और चौथा स्तंभ मीडिया में घुन लगता जा रहा है ! जिस मीडिया से देश को निष्पक्ष और जनता की आवाज़ उठाने की आस लगी रहती थी बदलते दौर में वही मीडिया अब दोगले पन और चापलूसी का माध्यम मात्र बनकर रह गया है ! यह नए दौर के मीडिया जिसे चाहे हीरो बन देता और जिसे चाहे विलेन ! यहां तक कि देश की एकता , अखंडता भी अब इसी मीडिया से खतरे में दिखाई देने लगी है ! मीडिया में धर्म और वर्ग के आधार पर भेदभाव खुलकर दिखाई देने लगा है जो कि भविष्य में देश के लिए बहुत घातक है !

हाल ही में यूपी के नॉएडा से एटीएस द्वारा भारी मात्रा में हथियारों के साथ गिरफ्तार किये गए आतंकवादियों के मामले को ही ले लेते हैं ! जिन आतंकियों को नक्सली कहकर देश का मीडिया साइलेंटली बचाने का प्रयास कर रहा है उसका कारन उन सभी युवकों का गैर मुस्लिम होना है ! यूपी एटीएस द्वारा पकडे गए सभी युवक हिन्दू हैं और वह देश में बड़े प्लान को अंजाम देने की फिराक में थे ! मीडिया के बड़े बड़े समूहों द्वारा इस खबर को नक्सलियों की गिरफ्तारी कहकर देश को गुमराह करने का जो प्रयास किया जा रहा है वह इस देश में मीडिया के तेजी से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की और बढ़ने का प्रमाण है !
अब हम इसी खबर का दूसरा और विचारणीय पहलू लेते हैं ! आप कल्पना कीजिये कि यूपी एटीएस या ये कहें कि देश की किसी भी पुलिस/एजेंसी द्वारा नॉएडा से भारी हथियारों के साथ पकडे गए युवक मुस्लिम होते तो देश के सामने पुलिस/मीडिया का क्या रुख होता ! 100% हमारे देश का यह मीडिया उन्हें आतंकवादी बताकर लाइव डिबेट करा रहा होता और बताना ही नहीं देश के एक दो चैनल तो उन्हें आतंकवादी घोषित कर चुके होते ! यही मीडिया के दोगले घराने पुलिस की चार्जशीट से पहले ही उनपर दर्जनों हमले के आरोप सिद्द कर चुके होते !

Ads Middle of Post
Advertisements

सवाल यही है आखिर ऐसा क्यों ? क्यों देश के नागरिकों की उम्मीदों का सबसे अहम स्तम्भ दूषित मानसिकता से कार्य करता है ? क्यों एक जैसी खबर को धर्म के आधार पर आंकलन कर चलाता है ? जवाब तो हमे और उन सभी देश के नागरिकों को ढूंढने ही होंगे जो संविधान में यकीन रखते हैं और देश की एकता अखंडता को बनाये रखना चाहते हैं !

मुझे याद आ रहा है कि देश के बडे औद्योगिक घरानों के हाथों में पहुँच चुके अधिकांश चैनलो, उनके एंकरों और मीडिया की चापलूसी, दलालीकरण और उसपर अंकुश लगाने के लिए मीडिया घरानों की पोल खोलने वाले चर्चित पत्रकार यशवंत भाई के के वार्षिक समारोह में देश के जाने माने पत्रकार आनंद स्वरुप वर्मा ने देश में पांचवे स्तम्भ की स्थापना पर बल दिया है ! मैं उस कार्यक्रम का हिस्सा था लेकिन तब मैंने उस और ध्यान दिया ! आज जब मैंने मीडिया का यह दोगलापन देखा तो उनकी बात 100% सही और प्रासंगिक लगी ! अब देश में भ्रष्टता और दोगलेपन की सभी सीमाएं लांघ चुके चौथे स्तंभ पर अंकुश लगाना बहुत जरुरी है ! आमजनता को इस और सोचना होगा प्रभावी निर्णय लेना होगा ! यह आमजन से ही संभव है क्योंकि सियासत और मीडिया का गठजोड़ ही देश की तरक्की में सबसे ज्यादा घातक है !

अन्य ख़बरे

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*


This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.