नई दिल्ली: सत्ता हासिल करने के लिए पार्टियों ने अपने तरकश में तीर भरने शुरू कर दिए हैं। इस बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं। खबर है कि राहुल कैंब्रिज एनालिटिका नाम के ‘ब्रह्मास्त्र’ का इस्तेमाल 2019 में मोदी के खिलाफ करना चाहते हैं। प्रसाद ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रविशंकर प्रसार ने कहा कि सरकार पूरी तरह से मीडिया, बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और साथ ही सोशल मीडिया पर विचारों के आदान-प्रदान का समर्थन करती है। उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया वेबसाइट गलत तरीके से भारत की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का कोई भी प्रयास करती हैं, तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि जरूरत पड़ी तो फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एक अखबार की खबर के मुताबिक, राहुल कैंब्रिज एनालिटिका नाम के ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल 2019 में मोदी के खिलाफ करना चाहते थे। उन्होंने पूछा, कांग्रेस कैंब्रिज एनालिटिका का उपयोग क्यों कर रही है, इसके पीछे उसकी मंशा क्या है? इस संगठन की राहुल की सोशल मीडिया प्रोफाइल में क्या भूमिका है? क्या कांग्रेस पार्टी अब चुनाव जीतने के लिए डाटा चोरी का इस्तेमाल करेगी? क्या सेक्स, स्लीज और फेक न्यूज के रास्ते को अपनाएगी जैसा कि कैंब्रिज एनालिटिका ने किया?
राहुल गांधी के सोशल मीडिया पर बढ़ते फैन्स पर भी प्रसाद ने सवाल उठाया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्विटर फॉलोअर तेजी से बढ़े हैं। फेक फॉलोअर बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं कि डिजिटली कनेक्ट और फिजिकली कनेक्ट रहें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
कैंब्रिज एनालिटिका पर फेसबुक के पांच करोड़ सदस्यों से जुड़ी जानकारियों का दुरुपयोग करने आरोप लगा है। यह वही कंपनी है जिसने 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप का प्रचार किया था।
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