ऑक्सीजन उत्पादक हैं तुलसी मईया …..डॉ. एस. बालक

रोपनात् पालनान् सेकान दर्शनात्स्पर्शनान्नृणाम। तुलसी दहाय्ते पाप वाढुमतः काय सञ्चितम।।

सत्यम् लाइव, 23 अप्रैल 2021, दिल्ली।। आज नोवेल कोरोना की महामारी पर भारतीय पौधों पर बात डा. एस. बालक जी से हुुुुई डा. एस. बालक जी का कहना है कि ”तुलसी प्राकृतिक एंटीवायरस पौधा है। जिस घर के आसपास तुलसी का पौधा हो घर के लोगों को वायरल वायरल इनफेक्शन होने का खतरा काफी कम रहता है। प्राचीन काल से ही वायरल डिजीज में तुलसी के पत्ते का उपयोग किया जाता रहा है। आज भी जब हम वायरल इन्फेक्शन के चपेट में आता हूँ तो तुलसी पत्ता का काढा बनाकर पीता हूँ। रामवाण की तरह फायदा पहुंचाता है। शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा भी पूरी करता है तुलसी का काढा। कोरोना वायरस के इलाज में तुलसी पत्ता पर काम किया जा सकता है। पर घर की मुर्गी दाल बराबर वाला मुहावरे तो सुनें होंगे आप।”

डा. एस. बालक जी का कहना है वैक्सीन लेने वाला औसतन दस मेें एक व्यक्ति को कोरोना पोजेटिव कर रहा है साथ ही वैक्सीन देने की रफ्तार जिस तेजी से बढ रही है उससे दस गुणा तेजी से नये कोरोना केस बढ रहा है। इन बातों का अर्थ मेरे अनुसार यही निकलता हैै कि वैक्सीन जो ले चुके हैं उनके शरीर में लगातार दर्द है कमजोरी सी लग रही है साथ में बुखार भी आ रहा है। उन्हीं के शरीर में ऑक्सीजन की कमी अर्थात् श्वॉस लेेने की समस्या हो रही है। कफ भी बढा रही है ये वैक्सीन। यानि वात, पित्त और कफ तक को प्रभावित कर देती है ये वैक्सीन।

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डॉ. साहब का कहना है कि नाक बांधे हुये है और कह रहे है सांस लेने में दिक्कत हो रही है और ये सत्‍य भी है कि आप श्वॉस ही नाक से ले रहे हो और कह रहे हो कि श्वॉस की समस्‍या ऐसी बढी कि ऑक्सीजन कम होने पर कार्य चालू हुआ। यहॉ पर भारतीय शास्त्रों केे अनुसार यदि बात की जाये और उसमें भी महान गणितज्ञ आर्यभट्ट जी के अनुसार तो ज्ञात होता है कि बसन्‍त ऋतु में जिसे वैदिक गणित के अनुसार सबसे ज्यादा स्वच्छ वातावरण वाला कहा गया है नयी लहलहाती फसल और हरे भरे पेड पौधे का काल कहा जाता हैै उसमें प्राणवायु (ऑक्सीजन) की कमी का कारण तो अवश्य ही यही है तो डॉक्‍टर साहब कह रहे हैं।

उपचार:- यदि आपको बुखार आया है तो तुलसी पत्र, शुंठी चूर्ण और पिसी अजवायन बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से तीनों समय लेने से बुखार उतर जाता हैै। साथ ही तुलसी को यदि जल के साथ लेते रहे तो सारे रोगों का इलाज स्‍वयं कर देती है यदि सम्भव हो तो देशी गाय के दूध के साथ हल्‍दी मिलाकर रात्रि में लें। देशी गाय के गोबर से बनेे कण्डे को जलाने से सौर मण्‍डल में ऑक्सीजन बढ जाती हैै अत: पूजा करते समय धूपबत्ती ही जला लें 10 ग्राम देशी गाय का घी 1000 टन ऑक्सीजन पैदा करता हैै। इतना सब शास्त्रों में लिखा होने के बाद यदि ऑक्सीजन की कमी होती है तो आश्चर्य होना स्वाभाविक है।

सुनील शुक्ल

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