- दिल्ली शहादरा के विवेक विहार थाने में दर्ज हुआ मुकदमा
- शांतिकुंज ने कहा कि ये संस्था को बदनाम करने की गहरी साजिश
- हरिद्वार पुलिस करेगी दुष्कर्म मामले के मुकदमे की जांच
सत्यम् लाइव, 8 मई, 2020 दिल्ली।। गायत्री परिवार शान्तिकुंज आश्रम के प्रमुख पंडित श्रीराम शर्मा एवं माता भगवती देवी शर्मा के दामाद डॉ. प्रणव पांड्या और उनकी पत्नी श्रीमती शैलबाला पांड्या पर दिल्ली केे शाहदरा जिले के अन्दर विवेक विहार पुलिस स्टेशन पर एफआईआर दर्ज करायी गयी है। दर्ज कराने वाली युवती छत्तीसगढ की मूल निवासी है। उस यवती ने एफआईआर में डॉ. प्रणव पांड्या और उनकी पत्नी श्रीमती शैलबाला पांड्या पर अपने साथ तीन बार होने वाले दुष्कर्म की शिकायत की है उसी समय मौजूद महिला पुलिस ने जब जानकारी ली कि तुम इतने दिनों तक क्यों चुप थी तब उसका जबाव था कि मुझे भय था कि मेरी हत्या हो सकती है। निर्भया मामले में दिल्ली पुलिस की कारवाई से जो आरोपियों को फॉसी मिलने के बाद, ये भरोसा जागा कि मुझे भी न्याय मिल सकता है। 10 वर्षो बाद की गयी इस एफआईआर में, जब महिला पुलिस अधिकारी ने पीडिता से सज्ञान लिया कि तो इस मामले में उनकी पत्नी श्रीमती शैलबाला पांड्या की क्या भूमिका है? तब पीडिता ने बताया सन् 2010 में वह महज 14 साल की थी। गायत्री परिवार से प्रेेरित होकर परिजनों ने मुझे हरिद्वार के आश्रम में भेज दिया। वहाॅॅ पर दर्जनों लडकियॉ के साथ रहती थी। उसी आश्रम में पीडिता के साथ डॉ. प्रणव पांड्या ने तीन बार दुष्कर्म किया। साथ ही धमकी दी की अगर किसी को बताया तो परिणाम बहुत बुरा होगा। ये बात जब मैं श्रीमती शैलबाला को दी, तब उन्होंने मेरी कोई मदद नहीं की है साथ ही धमकी भी दी अगर अपनी जान बचानी है तो ये बात किसी से कहना भी मत। उसके बाद वह चुपचाप रही और कुछ समय केे बाद अपने घर लौट गयी। अभी यही तक की खबर हाथ लग पायी है।
शान्तिकुंज संस्था के कहा :- शान्तिकुंज केे प्रचार विभाग ने इस सन्दर्भ में आगे आकर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की और पूरी घटनाक्रम को गहरी साजिश के तहत पर बताया है सारे आरोप निराधार और तथ्यहीन हैं। 10 वर्ष पहले की घटना को बताकर अब मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। यह पूरा प्रकरण ही द्वेष भावना से प्रेरित दिखाई दे रहा है। संस्था केे 16 करोड साधकों के लिये ये बेहद दुखद और हृदय विदारक है जॉच में पूरा सहयोग करने को संस्था तैयार है।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
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