रेल, दिल्‍ली मैट्रो और उडाने जनता कर्फ्यू में रद्

सत्‍यम् लाइव, २१ मार्च २०२० दिल्‍ली, २२ मार्च को पूरा देश को थाम दिया गया है इससे नॉवल कोरोना का अन्‍त होने जायेगा या फिर भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का ये कह पाने में अभी भी देश के कर्णधार नेता सामना करने से कतरा रहे हैं। इससे पहले भी जब प्रदूषण को लेकर गैसों को जिक्र किया था तब बहुत से नेताओं का कहना था कि कौन सी गैस विषैली होती है ये इसका तो जबाव वैज्ञानिक देगें आज नॉवल कोरोना को लेकर जब कुछ पार्टी के नेताओं से पूछताछ की गयी तो उनका जबाव था कि लोग घर पर रहेगें तो प्रदूषण कम होगा और प्रदूषण कम होने से वायरस अपने आप समाप्‍त हो जायेगा। काफी जोर देकर पूछने पर भी किसी भी नेता को ये जानकारी नहीं है कि कितने तापमान पर वायरस जीवित रहता है? भारत में ये वायरस है भी नहीं या नहीं ये भी नहीं पता है। इस पर गम्‍भीरता से विचार करें तो पता चलता है कि जिस देश का कर्णधार ही इतना बडा ज्ञाता हो उससे समाज पर क्‍या संदेश जायेगा ?

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क्‍या इतना व्‍यापक है ये वायरस तो डॉक्‍टर राय कहते हैं कि ये सिर्फ उतना ही खतरनाक है जितना आपको कभी जुकाम हुआ होगा। इस पर इतना व्‍यापक निर्णय लिया जायेे ये बात क्‍या वैज्ञानिक और डाक्‍टर से पूछ कर नहीं की जा सकती है यदि स्‍वयं को ज्ञान न हो तो दूसरे से समझकर ही संदेश देना उचित होगा अन्‍यथा अपना नाम करने के चक्‍कर में पूरा समाज एक गलत राह पकड लेता है नशो में डूबा आज का बहुत बडा समाज को कोरोना के समाप्‍त होने के लिये टीवी पर शराब पीने का संदेश दिया जाता है इससे समाज में दो ही बाते सम्‍भव है कि भारतीय महिला जो अब तक शराब नहीं पीती है वो अन्‍धविश्‍वास में डूबी है और जो पीती है वो समाज में अपना स्‍थान बना चुकी है।

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