
सत्यम् लाइव, 2 नवम्बर 2020, दिल्ली।। आज हर व्यक्ति मानसिक परेशानी से गुजर रहा है। आज हर व्यक्ति के पास तनाव में जीवन काट रहा है किसी को रोटी की समस्या है तो किसी को बच्चों के भविष्य की चिन्ता। कोई अपने बच्चों से परेशान हैं तो किसी केे पास ज्यादा रूपया जमा है कहॉ लगाये इस बात की चिन्ता हैै? कोई कुर्सी छोडना नहीं चाहता हैै तो कोई कुर्सी पाने के लिये परेशान है। कोई स्कूल जाने को परेशान हैै तो कोई मोबाईल के लिये इतना पैसा कहॉ से लेकर आये इसके लिये परेशान है। ये मानसिक तनाव जो लगातार बढता जा रहा है उसने लॉकडाउन केे दौरान और ज्यादा पॉव पसारे हैं। केन्द्रिय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से रविवार को मनोरोगियों के लिये जो निर्देश जारी किये गयेे है वो आपके जीवन के लिये पर्याप्त नहीं हैं उसके लिये आपको पहले भारत की प्रकृति को समझना पडेगा। जीवन में पाबंदियॉ लगाकर जो जीवनशैली में परिवर्तन होने पर आप सब तनाव में हैं। वो भारतीय के पर्यावरण के ज्ञान केे लिये आवश्यक भी है। तनाव होने पर पहला लक्षण है नींद न आना। जब भी आपको नींद नहीं आती हैै तो शंखपुष्पी चूर्ण, ब्रम्ही ले सकते हैं या इस ठण्ड में अश्वगन्धा चूर्ण सुबह और रात्रि मेंं एक एक चम्मच ले सकते हैं। मंत्रालय कहता है कि ठीक हो जाने केे बाद भी 96 प्रतिशत लोग अवसाद, अनिन्द्रा, मतिभ्रम में रहते हैैं परन्तु आयुर्वेद आपको इस तनाव से पूरी तरह से मुक्ति दिला सकता हैै। उसके नियमों केे पालन के लिये सबसे पहले अवसाद से बचें तो मोबाईल और टीवी को बन्द करकेे रख दें। तुलसीदास जी कहते हैं कि होता वही है जो राम ने रचा होता हैै। तो फिर चिन्तन राजनीति का करने की जगह स्वयं को शान्त करें और परिणाम देखें। यहॉ कहने का ये अर्थ नहीं है कि कर्म न करें यहॉ कहनेे का अर्थ यही है कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता के अनुरूप रहकर कर्म करें। तनाव की कोई दवा बाजार में नहीं हैै परन्तु तनाव आता नहीं बल्कि आपके अगल-बगल लाया जाता है। जिसके घर में एक भी मरीज को कोरोना हुआ हैै वैसे 30 प्रतिशत लो तनाव में जी रहे हैं। आप परेशान न हों और भारतीय प्रकृति का अध्ययन चालू करो तो ज्ञात हो जायेगा कि वायरस सूर्य की गति के आगे भारत में रूक ही नहीं पाता हैै। फिर भी अनिन्द्रा की शिकायत है तो सर्वगन्धा घन वटी नाम की दवा होम्योपैथी में उपलब्ध है आप ले सकते हैं। रात्रि में मात्र एक गाेेेेली गुनगुने पानी केे साथ खानी है सारा तनाव दूर कर देती है। आयुर्वेद मेें रसोई चिकित्सा में चौलाई, पालक सबसे अच्छा साग है। अपने मस्तिष्क की शान्ति के लिये देशी गाय के बनी हुई उत्पाद का उपयोग करें। धूपबत्ती जलाकर जोर जोर से बोलकर ओम नम:शिवाय का जाप करें। सुनील शुक्ल
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