
पश्चिम से आधुनिकता की लडाई यहाॅॅ भी, लाॅॅॅकआउट अभी निर्णय नहीं
सत्यम् लाइव, 27 मार्च 2020 दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन की बात करें तो 2016 में ईरान की आबादी 8 करोड 2 लाख 77 हजार बताता है और वहॉ का जीडीपी का 6.9 प्रतिशत (2014) हिस्सा स्वास्थ्य के लिये निकाला जाता है परन्तु इराक, पाकिस्तान, यूएई, कुुवैत जैसे 16 देशो का दावा है कि उनके यहॉ वायरस ईरान से ही आया है। इसके बावजूद कोरोना के ख़तरे से निपटने से संघर्ष कर रहा ईरान, अमरीका की मदद की पेशकश भी ठुकरा चुका है सुप्रीम नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई का कहना है कि ईरान, अमेरिका पर भराेेेेसा नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा है कि अमरीकियों पर इस वायरस के पीछे होने के आरोप निराधार भी नही कहे जा रहे हैं लेकिन कौन समझदार दिमाग वाला होगा जो उन पर भरोसा करेगा। ये ईरान के लिये वो वक्त है जब पर्सियन न्यू ईयर या नौराज मनाने की तैयारी चल रही है। ये सूर्य की गति से नववर्ष मनाये जाने वाला त्यौहार है। कुछ अन्तर होगा अभी कह नहीं सकता लेकिन मात्र पॉच दिन का इस वर्ष अन्तर है भारतीय नववर्ष 25 मार्च 2020 से प्रारम्भ हो रहा है तो ईरान में 20 मार्च 2020 से। प्रकृति की रक्षा के लिये इस त्यौहार पर हजारो लोग अपने परिवार के साथ कैस्पियन सागर पर और अन्य देश में छुट्टी मनाने के लिये जाते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बार यात्रा न करने का संदेश दिया है। इसके बावजूद बडी संख्या में लोगों इस अवसर पर छुट्टी मनाने निकले। सोशल मीडिया पर राजधानी तेहरान की सडकों पर जाम दिखाई दे रहा है।

सुरक्षा के कदम ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने देशभर में शॉपिंग सेन्टर और बाजारों को 15 दिन के लिये बन्द कर दिया है सिर्फ औषधि केन्द्र और घर के सामान के लिये दुकाने खुल रखी हैं। प्रशासन ने कोम और मशहाद शहरों में स्थित धार्मिक स्थलों को भी बन्द कर दिया है बहुत समय तक इन स्थलों को बन्द न करने के कारण काफी बुराई हुई परन्तु आज भी मशहाद में लोग बडी संख्या में आना जाना जारी है। स्कूल, विश्वविद्यायल सहित सांस्कृतिक समारोह पर रोक लगा दी है लेकिन पूरी तरह से लॉकडाउन अभी तक नहीं है
मरने वालों में ज्यादा तर यहाॅॅ भी बुजुर्गवार हैं ये वही है जो ईरान ईराक के युुुद्व के दौरान रसायनिक हथियार से ग्रस्त हो गये थेे उसके बाद अभी तक किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त थे। विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ का कहना है कि अमरीका के प्रतिबंधों की वजह से ईरान के हेेल्थकेयर सिस्टम को झटका लगा है। जरीफ साहब का कथन था कि इन्होंने ईरान के संसाधनों को कमजोर कर दिया है। ईरान मेें अब तक 2077 लोगों की मौत हुई है यहॉ भी अमेरिका के साथ आधुनिकता की लडाई चल रही है अमेरिका अपने आधुनिक उपकरण ईराक को देने को तैयार है पर, ईराक के मंत्री पक्ष के हों या विपक्ष के अमेरिका पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं।
उपसम्पादक सुनील शुक्ल
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