भारतीय रेलवे खान पान लाइसेंसीज बेरोजगारी की कगार पर

दिल्ली: अखिल भारतीय रेलवे खान पान लाइसेंसीज वेलफ़ेयर एसोशियसन का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष रवींद्र गुप्ता के नेतृत्त्व में 27 जून 2018 को श्री विजय सांपला जी, सामाजिक अधिकारिता राज्य मंत्री भारत सरकार से मिला । श्री गुप्ता ने खान पान लाइसेंसीज की समस्याओं पर चर्चा की ओर उनके समाधान के लिए एक ज्ञापन भेंट किया । उन्होंने रेलमन्त्री से बात कर समस्याओं का समाधान कराने का आश्वाशन दिया । प्रतिनिधिमंडल में सर्व श्री मोहन लाल, अशोक सैनी विजय के माथुर, श्याम सुन्दर, नरेश गुप्ता, राम गोपाल, चेतन आडवाणी, सुधीर अरोड़ा इत्यादि सम्मलित थे ।

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अखिल भारतीय रेलवे खान पान लाइसेंसीज वेलफ़ेयर एसोसिएशन का गठन 2005 में रेलवे स्टेशनों पर चाय, नास्ता, फल, फलों का रस पूरी, पकोड़ा, नमकीन, कोल्डड्रिंक, इत्यादी की बिक्री कर अपने परिवारों का भरण पोषण करने वाले गरीब लाइसेंसियों ने की थी । आज इन सभी लाइसेंसीज के सिर के ऊपर बेरोजगारी की तलवार लटक रही है एसोसिएशन ने धरना -प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को समय समय पर मांगपत्र दिए है । पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने कई रेलमन्त्री, रेल राज्यमंत्री से अलग मुलाकात कर गरीब लाइसेंसियों की रोज़ी रोटी बचाने का अनुरोध किया गया । रेलमन्त्री के चेम्बर में उनकी उपस्थित में अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की गई । अलग -अलग अधिकारियों से भी वार्ता की गई परन्तु कोई सकारात्मक परिणाम सामने नही आने पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई । माननीय न्यायालय ने 557/2017 पर जारी आदेश में रेलवे को यथास्थित बनाये रखने को 28/7/2017 को कहा और अभी तक यह मामला पेंडिंग है । परन्तु फिर भी रेलवे अधिकारी यूनिटों को बन्द करने जैसी उत्पीड़न की कार्यवाही जारी रखे हुए है ।

वाराणसी ,आगरा, झाँसी, भोपाल इत्यादि मंडलों ने उत्पीड़न में तत्परता दिखाई है अब N W R भी उसी रास्ते पर जाता दिखाई दे रहा है । सरकार सब कुछ मूकदर्शक बनकर देख रही है ।बहुत शोर सुना था कि गरीब चाय वाला प्रधानमंत्री है इसलिये बड़ी उम्मीद थी कि चाय वाले के रहते हुए चाय वालों का रोजगार सुरक्षित रहेगा । ऐसा लगता है कि रेलमन्त्री जी को यह एहसास ही नही है कि वेन्डर कितनी विषम परिस्थितियों में अपने परिवारों का भरण पोषण कर पा रहा है । कुछ अपवाद हो सकते है । क्या कुछ अपवादों की सजा लाखों गरीब लाइसेंसीज वेण्डरों का उनका रोजगार छीनकर दी जाएगी । कहीं ऐसा तो नहीँ की प्रधानमंत्री को किसी ने बता दिया हो कि ये लोग चाय बेचते रहे और अगले चुनाव में इनमें से कोई चाय वाला प्रधानमंत्री बनकर आपको वनवास भेज दे इसलिये प्रधानमंत्री जी ने सभी चाय वालों को रेलवे स्टेशनों से बाहर फेंकने का आदेश जारी कर दिया हो ।

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