नई दिल्ली: मंदिरों में हनुमान चालीसा, अखंड रामचरित मानस का पाठ किया गया। वहीं, श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर हनुमान जी पर सिंदूर चढ़ाकर बल, बुद्धि में वृद्धि की मन्नत मांगी।
धार्मिक मान्यता के अनुसार महावीर हनुमान को सबसे शक्तिशाली देवता के रूप में पूजा जाता है। हनुमान जी ने भगवान श्री राम के चरणों में अपने जीवन को समर्पित कर दिया और राम भक्ति में इनका कोई सानी नहीं है।
ये अमर और चिरंजीवी है। हनुमान जी असंभव कार्यों को चुटकी भर में संपूर्ण करने वाले हैं, इसलिए ही संकट मोचक के नाम से भी पुकारा जाता है। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पूजा अर्चना कर जीवन में आने वाले संकटों के हरण की कामना की।
हनुमान भक्ति करने से हनुमान कृपा के द्वारा मनुष्य को शक्ति और समर्पण प्राप्त होता है। इनकी भक्ति से अच्छा भाग्य और विदुता भी प्राप्त होती है।
हनुमान जयन्ती के दिन डाकपत्थर, विकासनगर, हनुमदधाम, गुडरिच हनुमान मंदिर, बाला जी धाम झाझरा में हनुमान भक्तों की भारी भीड़ ने अपने आराध्य देव महावीर हनुमान के दर्शन किए। धार्मिक परंपराओं के अनुरूप भक्तों ने हनुमान जी की मूर्ति को जनेऊ भी पहनाई सिंदूर व चांदी का वक्र चढ़ाया। इसके साथ ही सुबह से ही भक्तों ने मंदिरों में हनुमान चालीसा व अखंड रामचरित मानस पाठ कर बल, बुद्धि में वृद्धि की मन्नत मांगी। झाझरा के हनुमान मंदिर व बालाजी धाम में सुबह रुद्रार्चन व रुद्राभिषेक किया गया। श्री हनुमान जी का षोडषोपचार पाठ के साथ ही चोला समर्पण कार्यक्रम चला। संकट मोचन यज्ञ व श्रीहनुमान भजनमाला में भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े।
इस मौके पर मंदिर संरक्षक बाबा हठयोगी, अजय गोयल, देवराज, भीम सिंह पुंडीर, विकास लवानिया, राहुल, नवीन आदि मौजूद रहे।
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