सैन फ्रांसिस्को: दुनिया भर की कंपनियों में महिलाओं के साथ भेदभाव के मामले सामने आते रहते हैं। मगर माइक्रोसॉफ्ट जैसी दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में बड़े पैमाने पर इस तरह के मामले का सामने आना एक पल को चौंकाने वाला है। कंपनी पर सैलरी न बढ़ाए जाने से लेकर, प्रमोशन न देने, शारीरिक उत्पीड़न और लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव तक का आरोप लगाया गया है।
इस पूरे मामले को कोर्ट ने सार्वजनिक किया है। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार किया है और कहा कि अभी इस तरह का सिर्फ एक मामला ही सामने आया है। माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाली महिलाओं ने 2010 से 2016 के बीच लैंगिक भेदभाव की 118 शिकायतें दर्ज कराई हैं। वहीं कुल शिकायतों के 238 मामले सामने आए हैं, जो कोर्ट के दस्तावेजों से उजागर हुए हैं। माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ चल रहे मुकदमों में शिकायतकर्ताओं के दस्तावेजों के अनुसार महिला कर्मचारियों ने अपने साथ हो रहे पक्षपातपूर्ण व्यवहार से जुड़े कई मुद्दे उठाए हैं।
सिएटल स्थित डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मुकदमे दायर किए गए हैं। आगे चलकर 8,600 और अधिक महिलाएं भी इसमें शामिल हो सकती हैं। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि एक ही पोस्ट पर समान परफॉर्मेंस के साथ काम करने वाले पुरुषों को महिलाओं की तुलना में तेजी से प्रमोशन मिला। महिलाओं की शिकायतों की सुनवाई कर रहे कोर्ट ने कहा कि कंपनी में महिलाओं के साथ हो रहा भेदभाव वाकई में चौंकाने वाला है।
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