जीएसटी के लिए 1 जुलाई नई डेडलाइन, काउंसिल की नवीं बैठक में भी दोहरे नियंत्रण पर मामला अनसुलझा

जीएसटी काउंसिल की बैठक में दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर आम सहमति नहीं बनी, ऐसे में इसका 1 अप्रैल 2017 से लागू हो पाना मुश्किल नजर आ रहा है

नई दिल्ली। सोमवार को हुई जीएसटी काउंसिल की पहले दिन की बैठक में दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर एक बार फिर से आम सहमति नहीं बनी, ऐसे में जीएसटी का 1 अप्रैल 2017 से लागू हो पाना मुश्किल नजर आ रहा है। अब काउंसिल की अगली बैठक 18 फरवरी को होगी। गौरतलब है कि बीते हफ्ते केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह उम्मीद जताई थी कि नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को 1 अप्रैल से लागू करने की दिशा में लंबित पड़े मुद्दों पर जल्द आम सहमित बना ली जाएगी।

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली जीएसटी के 1 जुलाई को लागू होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि लेवी लगाने और आईजीएसटी के तहत कर जमा करने का अधिकार केंद्र के पास रहेगा लेकिन विशेष प्रावधानों के तहत राज्यों के पास उस अनुपात में अधिकार होगा जिसका उल्लेख किया गया है। 1.5 करोड़ से ऊपर के कारोबार पर केंद्र और राज्यों के बीच 50: 50 के अनुपात में मूल्यांकन किया जाएगा। ऐसे सभी व्यापार जिनका टर्नओवर 1.5 करोड़ से कम है उनमे 90 फीसदी अधिकार राज्यों का और 10 फीसदी अधिकार केंद्र का होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में जल सीमा राज्यों को सौंपने का फैसला हुआ। केरल के वित्त मंत्री थामस इशाक ने बताया कि जीएसटी का प्रशासन किस तरह से होगा इसको लेकर किसी भी प्रकार का करार नहीं हो पाया है। इस बैठक में इस पर सहमति बनी है कि सशक्तिकरण मॉडल के अंतर्गत आईजीएसटी लागू किया जाएगा।

Ads Middle of Post
Advertisements

थॉमस इशाक ने बताया, “जल क्षेत्र और कराधान शक्तियां राज्यों को सौंप दी जाएंगी।” उन्होंने कहा कि डुअल कंट्रोल के मुद्दे पर कुछ लोगों का मानना है कि इसका वर्टिकल डिवीजन हो तो कुछ लोग इसका हॉरिजॉन्टल डिवीजन चाहते हैं। इशाक ने कहा कि कुछ मद्दों पर सहमति बन गई है। दोहरे नियंत्रण का मुद्दा वस्तु एवं सेवा कर के कार्यान्वयन की दिशा में सबसे बड़ी बाधा है।
क्या है डुअल कंट्रोल का मामला:

डुअल कंट्रोल के अंतर्गत जीएसटी में कौन किससे टैक्स वसूलेगा इसकी परिभाषा सम्मिलित है। अभी केंद्र और राज्य दोनों टैक्स वसूलते हैं, लेकिन जीएसटी के तहत राज्य 1.5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर पर अधिकार चाहते हैं। साथ ही सर्विस टैक्स पर मसला फंसा हुआ है, क्योंकि केंद्र सर्विस टैक्स पर पूरा अधिकार चाहता है। राज्य सर्विस टैक्स पर भी डुअल कंट्रोल फॉर्मूला चाहते हैं।

अन्य ख़बरे

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*


This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.