आम, अंगूर, अनार निर्यात तो मॉस आयात को मंजूरी

सत्‍यम् लाइव, 26 फरवरी 2020, नई दिल्‍ली, भारत और अमेरिका के रिस्‍तों को मजबूत बनाने का व्‍यापारिक समझौता कभी प्रारम्‍भ हुआ था। वो आज भारतीय संस्‍कृति और सभ्‍यता को पार करने वाला हो चुका है। हैदराबाद हाउस में दोनों देशों के प्रमुखों के बीच बातचीत के बाद वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि व्‍यापार पर अन्तिम सहमति बन चुकी है जल्‍द ही अन्तिम मुहर भी लग जायेगी। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक अमेरिका के अल्‍फा, चेरी, पोर्क और चिकन उत्‍पादों के आयात के लिये भारत ने अपने दरवाजे खोलने पर हामी भर दी है। एक तरफ जहॉ भारत से आम, अंगूर और अनार निर्यात किया जायेगा वहीं पर पोर्क सहित अन्‍य उत्‍पादों पर आयात के लिये तैयार भारत अपने पर्यावरण की रक्षा कैसे करेगा, ये सूूूूूचना होगा। चिकन के लिये अपना दरवाजा खोलना ये अमेरिका के लिये बहुत बडी जीत का विषय है क्‍योंकि उनकी प्रकृति उनको मॉस खाने की अनुमति देती हैै पर भारत का पर्यावरण और प्रकृति इसके ठीक विरोध में काम करती रही है। भारत अभी तक 30 लाख डॉलर का सालाना निर्यात आम का करता रहा है। अब अंगूर के लिये भी द्वार खुल चुके हैं। वहीं हार्ले डेविडसन पर लगने वाले आयात शुल्‍क को समाप्‍त कराना चाहता है, लेकिन भारत ने अभी मन्‍जूरी नहीं दी है। आने वाले समय में क्‍या होगा ये भविष्‍य पर निर्भर है पर पिछली शर्तो में संशोधन करके भारत का व्‍यापारी अमेरिका से अब माल उठाकर भारत में सप्‍लाई करेगा और भारत से कच्‍चा माल अमेरिका जाने की पुरानी शर्ते में कुछ बढाकर कार्य सम्‍पन्‍न हुआ। ऊर्जा क्षेत्र में जो समझौते पहले ही पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान जी ने किये थे उसके बारे में आगे ट्वीट करते हुए कहा, ”हमने दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में चल रही रणनीतिक भागीदारी की समीक्षा की तथा इसे अगले स्‍तर पर ले जाने पर सहमत हुए।” पिछले भाषण में कहा था कि इस वर्ष अमेरिका से साझेदारी बढकर 10 अरब डॉलर तक पहुॅच सकता है।

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उपसम्‍पादक सुनील शुक्‍ल

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