
नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना में एक पुलिस वाले को लेकर मामला सामने आया है। जहां एक नाबालिग को पुलिस वालों ने पिछले तीन महीनों से इसलिए बंद कर रहा है क्योंकि लडक़े ने पुलिसवालों को फ्री सब्जी देने से मना कर दिया था। खबरों के मुताबिक, एक नाबालिग लडक़े ने पुलिस वाले को मुफ्त में सब्जी नहीं दी तो उसे झूठे आरोप में जेल भेज दिया।
आरोप है कि इसी साल मार्च में पुलिसकर्मियों को मुफ्त में सब्जी नहीं देने की वजह से 14 साल के सब्जी बेचने वाले एक दलित लडक़े को गिरफ्तार किया। 14 साल का पंकज कुमार पिछले तीन महीनों से बेउर जेल में कैद है। इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने आज संज्ञान लिया और 48 घंटे के भीतर जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
दरअसल अगमकुआं थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुलिसकर्मियों को पंकज ने मुफ्त सब्जी देने से इनकार कर दिया था। पंकज के पिता सुखल पासवान का आरोप है कि पुलिस ने लूट/डकैत और अवैध हथियार का झूठा मामला दर्ज कराया। एफआईआर में 18 साल का जिक्र कर जेल भेज दिया, क्योंकि पंकज ने मुफ्त में सब्जी देने से इंकार कर दिया था। सुखल पासवान दावा करते हैं कि पंकज एक नाबालिग है और उसे जेल भेजा गया है।
पंकज के आधार कार्ड पर उसकी उम्र अभी 14 साल ही है। जबकि पुलिस का दावा है कि पंकज को बाइक लिफ्टर गिरोह के सदस्यों के साथ पकड़ा गया था। पीडि़त के पिता ने 20 मार्च को जब अपने बेटे के इस केस के बारे में सुना तब सीएम, गवर्नर और पुलिस अधिकारियों सहित सभी को खत लिखा। वहीं पंकज का आरोप है कि उसपर बुरी तरह से हमला किया गया था और उसे एक खाली कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था।
पंकज ने यह बात अपने पिता को बताई। पीडि़त के पिता ने कहा कि पुलिस ने उसके बेटे को जबरदस्ती उठाया है। किसी ने मेरी मदद नहीं की, साथ ही पुलिस ने दुव्र्यवहार किया। उनकी मांग है कि पुलिसकर्मियों को दंडित किया जाना चाहिए। पंकज अपने पिता के साथ महात्मा गांधी नगर क्षेत्र में एक किराए के मकान में रहता था और सडक़ के किनारे सब्जी बेचता था। पटना के आईजी नैय्यर हसनैन खान ने इस मामले की जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया।
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