चीन; छह हजार फीट पहाड़ की चोटी पर एयरपोर्ट बना रहा

नई दिल्ली: असंभव को संभव करना कोई चीन से सीखे। चाहे गगनचुंबी पहाड़ों का सीना चीरकर बुलेट ट्रेन चलाने की बात हो, महासागर के अगाध वक्षस्थल पर सैन्य बेस बनाना हो या दुनिया के सबसे बड़े बांध बनाने की बात हो, चीन के लिए ये चुटकी बजाने जैसा काम लगता है। अब वह करीब छह हजार फीट ऊंची पहाड़ की चोटी को एयरपोर्ट में तब्दील कर रहा है। वुशान शहर में बन रहे इस एयरपोर्ट के इसी महीने के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। अगले साल तक इस पर विमान उतरने लगेंगे।

कहां बन रहा

दक्षिण पश्चिम चीन के चोंगक्विंग स्थित वुशान कस्बे में पिछले छह साल से इसे तैयार किया जा रहा है। यहां के ताओहुआ पहाड़ की चोटी पर एक रनवे वाले एयरपोर्ट को अगले साल विमानों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। यह रनवे 2600 मी लंबा और 45 मी चौड़ा होगा।

निर्माण के लिए झोंकी ताकत

माना जाता है कि अगर चीन ने अपने किसी परियोजना के पूरा होने की तारीख तय कर दी है, तो उसे उसी समयसीमा के भीतर येन-केन-प्रकारेण पूरा किया जाता है। उसे विस्तार देने की रवायत में वे यकीन नहीं करते हैं। लिहाजा इस एयरपोर्ट को तय समय के भीतर बनाने के लिए 2000 लोग और 800 मशीनें एक साथ लगातार काम कर रही हैं।

किए गाइडलाइंस

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यह पूरा इलाका पहाड़ी है। लिहाजा स्थानीय इस्तेमाल के लिए एयरपोर्ट सुविधा तैयार करने के लिए पहाड़ की चोटी को चुना गया। चोटी को समतल करने के लिए पत्थरों को डायनामाइट से तोड़ा गया।

पर्यटन से बढ़ेगी कमाई

यह एयरपोर्ट जहां स्थित है, वहां से गॉडेस पीक और थ्री जॉर्ज डैम करीब ही हैं। ये दोनों वहां बड़े पर्यटन स्थल हैं। इस एयरपोर्ट से बीजिंग, शंघाई, गुआंगझाऊ, चोंगक्विंग सहित सभी प्रमुख शहरों के लिए उड़ानें उपलब्ध होंगी। लिहाजा पर्यटन से कमाई बढ़ेगी।

एयर ट्रैफिक प्रबंधन है लक्ष्य

चोंगक्विंग जियांगबी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक का बोझ कम करने के लिए इसे तैयार किया जा रहा है। पिछले साल इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर करीब चार करोड़ यात्रियों ने आवाजाही की थी। उम्मीद है कि 2020 तक वुशान एयरपोर्ट 2.8 लाख यात्रियों और 1200 टन माल के आवागमन में सहायक होगा। करीब 3333 लैंडिंग सालाना संभव होंगी।

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